Land Pooling Policy in Punjab : लैंड पूलिंग पॉलिसी रद्द नहीं हुई तो पंजाब में बड़ा आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा.

Land Pooling Policy in Punjab : संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में ऐलान किया है कि पंजाब सरकार लैंड पूलिंग नीति रद्द करे, अन्यथा पंजाब सरकार के खिलाफ वैसा ही विरोध प्रदर्शन किया जाएगा जैसा दिल्ली में तीन कृषि कानूनों को लेकर किया गया था।

एसकेएम सदस्यों ने दो टूक कहा कि सरकार इस नीति को वापस लेने के लिए मजबूर होगी। किसान भवन में हुई इस बैठक में आम आदमी पार्टी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ, जबकि भाजपा, कांग्रेस समेत राज्य के 10 राजनीतिक दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा को अपना समर्थन दिया।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में शामिल होने का निमंत्रण कैबिनेट मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा को दिया गया था। उन्होंने बैठक में शामिल होने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद सरकार का कोई प्रतिनिधि बैठक में नहीं आया।

किसानों ने भाजपा पर साधा निशाना
खास बात यह रही कि 2020 में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा पर निशाना साधा था। शुक्रवार को हुई बैठक में भाजपा प्रतिनिधि डॉ. सुभाष शर्मा और केवल ढिल्लों भी शामिल हुए, जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री रणदीप नाभा और हैप्पी खेड़ा बैठक में देरी से पहुंचे। सुभाष शर्मा ने कहा कि भाजपा लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ है। पार्टी किसानों से संपर्क अभियान चला रही है।

साथ ही, केवल ढिल्लों ने भी कहा कि भाजपा किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने घोषणा की कि पंजाब सरकार जहाँ भी ज़मीन अधिग्रहण कर रही है, वहाँ संयुक्त किसान मोर्चा 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च निकालेगा।

ये प्रस्ताव पारित हुए

पंजाब सरकार को लैंड पूलिंग नीति तुरंत वापस लेनी चाहिए।

पंजाब सरकार को विधानसभा में जल समझौते को रद्द करके केंद्र सरकार को भेजना चाहिए। पंजाब सरकार को जल समझौते की धारा 78, 79 और 80 को समाप्त करना चाहिए।

पंजाब सरकार को राज्य में कृषि नीति तुरंत लागू करनी चाहिए।

कृषि और कृषि से जुड़े व्यवसायों के संबंध में अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

जल समझौते को लेकर भाजपा और बसपा के बीच बहस

जल समझौते को लेकर भाजपा प्रतिनिधि और बसपा प्रमुख अवतार सिंह करीमपुरी के बीच बहस हुई। करीमपुरी ने कहा कि केंद्र सरकार को जल समझौते की धारा 78, 79 और 80 को रद्द करना चाहिए।

भाजपा के सुभाष शर्मा ने कहा कि पंजाब विधानसभा इसे पारित करके केंद्र सरकार को भेजे। बैठक का संचालन बूटा सिंह बुर्जगिल, बलबीर सिंह राजेवाल, हरिंदर लखोवाल, रमिंदर सिंह और डॉ. दर्शन पाल ने किया। इस अवसर पर अन्य किसान नेता भी मौजूद थे।

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