Confirm Ticket : अगर आप किसी ट्रैवल एजेंट से ट्रेन टिकट के लिए इमरजेंसी कोटे में सीट बुक करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। रेल मंत्रालय ने सभी 17 जोनल रेलवे अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि अब ट्रैवल एजेंट की तरफ से आने वाले किसी भी अनुरोध को स्वीकार न किया जाए। इमरजेंसी कोटे के दुरुपयोग की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए रेल मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
रेलवे की तरफ से सभी प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर्स को भेजे गए पत्र में कहा गया है, “ट्रैवल एजेंट द्वारा इमरजेंसी कोटे से सीट आरक्षित करने की कोशिश करने की कई शिकायतें मिली हैं। यह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।”
इमरजेंसी कोटा:
अब किन नियमों का पालन करना जरूरी? रेल मंत्रालय ने पहले से मौजूद 2011 की गाइडलाइन को फिर से सख्ती से लागू करने की बात कही है और अधिकारियों को ट्रैवल एजेंट के अनुरोध को स्वीकार न करने के निर्देश दिए हैं। हर अनुरोध पर राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए। अनुरोध पर यात्री का नाम, पदनाम, फोन नंबर और मोबाइल नंबर अनिवार्य होगा। हर विभाग को एक रजिस्टर में विवरण दर्ज करना होगा, जिसमें यात्रा और अनुरोध के स्रोत के बारे में पूरी जानकारी होगी। हर अनुरोध पर डायरी नंबर भी लिखा जाएगा, जिसे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
जांच और निगरानी के सख्त निर्देश
रेलवे ने सभी अधिकारियों को समय-समय पर पीआरएस (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) केंद्रों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है, ताकि दलालों और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत को रोका जा सके।
मंत्रालय ने कहा, “यदि अनुरोध पर्ची पर ‘वी.वी.आईएमपीटी’, ‘मस्ट’ या ‘एडजस्ट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो इसकी क्रॉस-चेकिंग की जानी चाहिए। यदि कोई संदेह है, तो संबंधित व्यक्ति से फोन पर बात करके पुष्टि करें।”
सभी पर्चियों का रिकॉर्ड रखना जरूरी
रेलवे ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी अनुरोध पर्चियों को तीन महीने तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए। किसी भी अधिकारी को अपने कर्मचारियों को खाली हस्ताक्षरित पर्चियां देने की अनुमति नहीं है।





