Indian Railways : बिहार से माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है कि वे अब रेल से कश्मीर की वादियों का भी दीदार कर सकेंगे।
भारतीय रेलवे ने चिनाब नदी और अंजी सेक्शन पर पुल बनाकर जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को पटना समेत देश के अन्य हिस्सों से जोड़ दिया है। इससे श्रद्धालु अब आसानी से श्रीनगर पहुंच सकेंगे। इसका लाभ बिहार समेत देशभर के पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मिलेगा।
रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक नाम से यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। चिनाब नदी पर बना यह पुल रियासी जिले में स्थित है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। चिनाब नदी पर बना रेल पुल 1,315 मीटर लंबा है। यह पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। पुल की कुल लागत 1,486 करोड़ रुपये है। इसे कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन ने तैयार किया है। इस पुल को अगले 120 सालों को देखते हुए तैयार किया गया है।
इसका आर्च 550 मीटर है। यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान को झेल सकता है। इस पुल के निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इस पुल के निर्माण में आईआईटी रुड़की और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने अपना योगदान दिया है।
पटना से जम्मू, फिर श्रीनगर
पटना जंक्शन से श्रद्धालु या पर्यटक सबसे पहले जम्मू जाएंगे। इसके बाद रियासी में चेनाब ब्रिज के जरिए श्रीनगर जाएंगे। पर्यटक अर्चना एक्सप्रेस या हिमगिरी एक्सप्रेस से पटना से जम्मू जा सकते हैं।
वहां से पर्यटक वंदे भारत एक्सप्रेस से चेनाब ब्रिज के जरिए श्रीनगर जाएंगे। चेनाब ब्रिज के निर्माण के बाद पर्यटक श्रीनगर से रामेश्वरम तक रेल से जा सकेंगे।
अंजी में देश का पहला केबल आधारित रेल पुल बनकर तैयार
जम्मू-कश्मीर के अंजी सेक्शन में देश का पहला केबल आधारित रेल पुल बनकर तैयार हो गया है। यह पुल कटरा और रियासी को जोड़ रहा है। यह पुल जमीन से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। अंजी पुल 725 मीटर लंबा है।
इसकी 96 केबलें स्थिरता सुनिश्चित करती हैं। इसके निर्माण में 8,200 मीट्रिक टन से अधिक स्टील का उपयोग किया गया है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना का काम पूरा हो चुका है। इस रेल लाइन से आसपास के गांवों का विकास होगा। चिनाब रेलवे पुल के आसपास बसे करीब 73 गांवों को 225 किलोमीटर लंबी सड़कों से भी जोड़ा गया है। चिनाब नदी पुल के निर्माण से कश्मीर की वादियों में जाना और श्रीनगर आना-जाना आसान हो जाएगा।





