Bihar Government : अब खरवार जाति के लोगों को बिना खतियान के भी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र मिल सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। यह पत्र जिलाधिकारियों को संबोधित है।
बड़े पैमाने पर शिकायतें मिल रही थीं कि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन के साथ खतियान का विवरण मांगा जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि खरवार जाति के कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास खतियान वाली जमीन नहीं है।
राज्य सरकार ने 1988 में ही स्पष्ट कर दिया था कि खतियान के अलावा अन्य साक्ष्यों के आधार पर भी जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।
पिछले पत्र में कहा गया है कि राजस्व अभिलेख – खतियान, दानपत्र, भूमि संबंधी दस्तावेज, भूमिहीनों को आवंटित भूमि से संबंधित अभिलेख उपलब्ध न होने की स्थिति में स्थल निरीक्षण करके यह प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। प्रमाण पत्र के लिए स्थल निरीक्षण और जाँच रिपोर्ट अनिवार्य है।
वर्तमान में जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के कारण खरवार जाति के बड़ी संख्या में लोग अनुसूचित जाति को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। इनमें सरकारी नौकरी और रोजगार के अन्य साधन शामिल हैं। इससे पहले जाति आधारित जनगणना के दौरान भी यह विवाद उठा था।
इस जाति के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग से शिकायत की थी कि जाति जनगणना के समय भी उनसे खतियान और जाति प्रमाण पत्र माँगा जा रहा है। भभुआ, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, छपरा, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जिलों में खरवारों की अच्छी संख्या है। राज्य के अन्य जिलों में भी इनकी छिटपुट आबादी है।





