Navratri Day 6 Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। 3 अप्रैल को दुर्गा माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करने से सुख, समृद्धि, दीर्घायु और यश की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मां कात्यायनी का व्रत रखने और उनकी पूजा करने से मनचाहा वर मिलता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के छठे दिन का पूजा मुहूर्त, माता कात्यायनी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नैवेद्य, प्रिय रंग, पुष्प और मंत्र-
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन कब करें पूजा, जानें पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त 04:37 से 05:23
सुबह शाम 05:00 से 06:09
अभिजीत मुहूर्त 11:59 से 12:50
विजय मुहूर्त 14:30 से 15:20
गोधूलि मुहूर्त 18:39 से 19:02
शाम 18:40 से 19:49
अमृत काल 21:29 से 23:00
निशिता मुहूर्त 00:01, अप्रैल 04 से 00:47, अप्रैल 04
रवि योग 07:02 05:51, 04 अप्रैल
नैवेद्य- चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं।
माँ कात्यायनी मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥
माँ कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दुलवरवाहन।
कात्यायनी शुभम् दद्यद् देवि दानवघातिनी॥
माँ कात्यायनी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
माँ कात्यायनी कवच मंत्र
कात्यायनौमुख पतु की स्वाहास्वरूपिणी।
लालते विजया पातु मालिनी नित्य सुंदरी।
कल्याणी हृदयं पतु जया भगमालिनी।
मां कात्यायनी का प्रिय फूल और रंग: मां कात्यायनी को लाल रंग प्रिय है। इस दिन मां भगवती को लाल गुड़हल या गुलाब के फूल चढ़ाना शुभ रहेगा। मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती की कृपा बरसती है।
पूजा विधि
1- सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर की सफाई करें
2- गंगाजल से दुर्गा माता का अभिषेक करें।
3- मां को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी, सिंदूर, पीले और लाल फूल चढ़ाएं।
4- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें और फल, फूल और तिलक लगाएं।
5- प्रसाद में फल और मिठाई चढ़ाएं।
6 – मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं
7- दुर्गा चालीसा का पाठ करें
8- फिर एक पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर मां की आरती करें।
9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।





