घरों की बैलकनी, छतों पर आकर बैठे ये कबूतर, भले बहुत प्यारे लगते हैं लेकिन अब ये परिंदे एन्वायरमेंट और सेहत, दोनों के लिए दुश्मन साबित हो रहे हैं। घातक बीमारी की वजह बन रहे हैं। हाल ये है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT को सख्ती दिखानी पड़ रही है। कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाने की बात चल रही है।
बकायदा दिल्ली सरकार, MCD, NDMC और PWD को नोटिस जारी का जवाब मांगा गया है और इसकी सबसे बड़ी वजह है कबूतर की बीट जो फ्लोर दीवारों पर गिरने के बाद। डस्ट बनकर हवा में मिल जाती है और सांसों के जरिए रेस्पिरेटरी ट्रैक तक पहुंच जाती है। लंग्स में पहुंचकर ये इम्यून सिस्टम को अफैक्ट करती है इंफेक्शन की वजह बनती है जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का फ्लो रुकने लगता है। धीरे-धीरे लंग्स की दूसरी तमाम बीमारियों का गेटवे बनता है। जिसमें ‘हाइपर सेंसिटिविटी’ न्यू-म-नाइटिस सबसे जानलेवा है।
अगर इस इंफेक्शन का पता दो-ढाई महीने के अंदर चल जाए तो ये क्योर हो सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है ज्यादातर मामलों में पता तब लगता है। जब लंग्स डैमेज होकर इर्रिवर्सेबल कंडीशन में पहुंच जाते हैं। सांस लेने में तकलीफ होती है और फिर शरीर में ऑक्सीजन का लेवल घटने लगता है जिससे एंग्जायटी अटैक आते हैं और एंग्जायटी अटैक आने के बाद, बॉडी में ऑक्सीजन की कमी से जान आफत में कैसे आ जाती है। ये तो कोरोना के बाद सबको समझ आ गया है। इस लिहाज से तो एक्स्ट्रा अलर्ट रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना भले ही पहले की तरह घातक ना हो लेकिन तेजी से तो फैल रहा है। अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है। अब ऐसे में सवाल ये है कि इससे बचे कैसें तो सीधा जवाब, योग है आपका सुरक्षा कवच। रोजाना हमारे साथ योग करें और तमाम इंफेक्शन और बीमारियों से बचें
खतरे में लंग्स
- बैक्टीरिया
- वायरस
- फंगस
- पोलन
- रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर
- लंग्स में इंफेक्शन
- सांस नली में सिकुड़न
- चेस्ट में जकड़न-भारीपन
- सांस लेने में दिक्कत
अस्थमा पेशेंट – भारत में
- 3 करोड़ से ज़्यादा मरीज़
- फर्स्ट स्टेज वाले 82% बीमारी से अंजान
- देश में दुनिया के 13।09% मरीज़
अस्थमा की वजह – भारत में
- क्लाइमेट चेंज 50%
- केमिकल का इस्तेमाल 37%
- पॉल्यूशन-डस्ट 42%
- फिज़िकल एक्सरसाइज़ 13%
- लाइफस्टाइल हैबिट 28%
- स्ट्रेस 16%
फेफड़े बनेंगे फौलादी-क्या करें ?
- 100 ग्राम बादाम लें
- 20 ग्राम कालीमिर्च लें
- 50 ग्राम शक्कर लें
- बादाम,कालीमिर्च,शक्कर मिला लें
- दूध के साथ 1 चम्मच खाने से फायदा
- रोज प्राणायाम करें
- दूध में हल्दी लें
- त्रिकुटा पाउडर लें
-
रात को स्टीम लें