Shashi Tharoor : शशि थरूर को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के सामने लाने की योजना में निभाएंगे अहम भूमिका.

Shashi Tharoor : केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर पार्टी लाइन के खिलाफ अपने बयानों के कारण कांग्रेस के रडार पर हैं। इस बीच केंद्र की मोदी सरकार थरूर को अहम जिम्मेदारी देने जा रही है। दरअसल सरकार ने आतंकवाद पर पाकिस्तान की सच्चाई से दुनिया को वाकिफ कराने की योजना बनाई है। इसके लिए वह थरूर को अहम भूमिका देने की तैयारी कर रही है। हाल ही में कांग्रेस की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया था कि शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पर अपने बयानों से लक्ष्मण रेखा पार कर दी है।

सरकार विदेश मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने थरूर से संपर्क भी किया है। सूत्रों ने बताया कि थरूर भी चाहते हैं कि वह इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें और खासकर अमेरिका में। वह विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। हालांकि उन्होंने सरकार से कहा है कि इसके लिए सरकार को पहले कांग्रेस पार्टी से संपर्क करना होगा और इस पर सलाह लेनी होगी।

इसमें कई प्रतिनिधिमंडल बनाए जाएंगे, जो विदेशी देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद पर दूसरे देशों के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में पांच से छह सांसद हो सकते हैं। इसमें विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधि और एक सरकारी अधिकारी भी होगा। सरकार ने सांसदों से यह भी कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके पास विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट और जरूरी दस्तावेज हों। विदेश मंत्रालय इस यात्रा का समन्वय करने जा रहा है।

यह प्रतिनिधिमंडल 22 मई के आसपास रवाना हो सकता है और अगले महीने 3-4 जून तक वापस लौटेगा। सरकार इसमें विभिन्न दलों के सांसदों को भेजने जा रही है। इनमें कांग्रेस के मनीष तिवारी, अमर सिंह, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी, भाजपा के समिक भट्टाचार्य, बीजद के सस्मित पात्रा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, एनसीपी-शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले समेत कई अन्य सांसदों के नाम शामिल हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर पिछले कुछ समय से विभिन्न मुद्दों पर सरकार की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।

इसी के चलते कांग्रेस सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पार्टी में सभी को अपनी राय रखने की आजादी है, लेकिन थरूर ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने हालिया बयानों से लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। सूत्रों ने यह भी कहा कि आलाकमान ने नेताओं को इस मुद्दे पर अपनी निजी राय जाहिर करने के बजाय पार्टी का पक्ष रखने का निर्देश दिया है। हालांकि, थरूर ने अगले दिन इन अटकलों को खारिज कर दिया। थरूर ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए इस बारे में पता चला है और इसे मीडिया ने बिना किसी आधार के गढ़ा है।

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